लड़ाई अब रंग दिखाने वाली है ....
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मैं मौन हूँ, मगर शांत नहीं
इरादे मेरे जाहिर ना हो बेशक
पर मेरी ज्वाला पूर्ण प्रज्वलित है
पर्तिवर्तन की लहर की ओर
मेरी डगर अग्रसरित है
यहाँ प्रश्न हार और जीत नहीं
केवल …. कर्त्तव्य है
जिसे पूर्ण करने के लिए
मेरी हर सांस त्वरित है
कर्म पथ पर …. कर्तव्य प्रमुख है
मौन होकर भी बहुत कुछ कह रहा हूँ
जिन्दगी मेरी एक संकल्प है
येही मेरी शांति का प्रतीक है
धीरज मेरा स्वरुप है
इरादे मेरे जाहिर ना हो बेशक
पर मेरी ज्वाला पूर्ण प्रज्वलित है…… रवि कवि
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